Thursday, 20 April 2017

मत पूछना क्या हुआ

बस मेरा चेहरा देखना और समझ जाना,
कल जो मैं दफ़्तर आऊं, मत पूछना क्या हुआ।

हाँ की ख़ुशी और ना के गम के अंतर से,
सब पता चल जायेगा, मत पूछना क्या हुआ।

उसकी ना में भी ख़ुशी ढूंढ लूँगा,
साथ तुम सब का हुआ अगर, मत पूछना क्या हुआ।

ग़र जो मेरी बत्तीसिया दिख रही हो पल पल,
मिठाइयां मांगना पर, मत पूछना क्या हुआ ।

उम्मीद

मैं बैठा सूखे पहाड़ो के सामने,
बारिश के इंतजार में।
इन नीले साफ़ आसमानों को ताकता।
इस तपती धूप में भी कर रहा हुँ उम्मीद।
शायद उम्मीद इसी को कहते है।
यक़ीनन उम्मीद इसी को कहते है।

Monday, 25 January 2016

जो मेरा था ही नहीं

सब कुछ समेट, आगे बढ़ गया हूँ
पीछे कुछ भी नहीं छूटा
वक़्त आगे बढ़ चूका है, अब मेरी बारी हैं
मैं ने भी कदम बढ़ा दिए है।
अब कुछ भी नहीं पीछे पलट के देखने को
फिर भी लगता है सब कुछ छूट गया ।
आँखे न जाने किस चीज़ को ढूंढ रही हैँ।
शायद यहाँ बताये पल के यादें हैँ,
या फिर कुछ और, कुछ ऐसा
जो कभी मेरा था ही नहीं ।

Thursday, 5 June 2014

Let me run

let me run
run away from everyone
hide behind the sun
in dark, more darker than darkest
in that place
where I don't need to prove
anything to anyone
let me run

why you want to run?
I don't know
maybe I'm tired.
or afraid ??
No...yes I am
But I'm ...
I want to run

you played when
everything was apple-pie,
now you want yo run
when its time to press the paddle harder.
yeah, you really need to run


मत पूछना क्या हुआ

बस मेरा चेहरा देखना और समझ जाना, कल जो मैं दफ़्तर आऊं, मत पूछना क्या हुआ। हाँ की ख़ुशी और ना के गम के अंतर से, सब पता चल जायेगा, मत पूछना क...