बस मेरा चेहरा देखना और समझ जाना,
कल जो मैं दफ़्तर आऊं, मत पूछना क्या हुआ।
हाँ की ख़ुशी और ना के गम के अंतर से,
सब पता चल जायेगा, मत पूछना क्या हुआ।
उसकी ना में भी ख़ुशी ढूंढ लूँगा,
साथ तुम सब का हुआ अगर, मत पूछना क्या हुआ।
ग़र जो मेरी बत्तीसिया दिख रही हो पल पल,
मिठाइयां मांगना पर, मत पूछना क्या हुआ ।
Oh ho.... Sab samjh gya..... Teri chere ki khusi hi tere dil ka haal bayaan Kr deti h. Ab na puchunga tumse ki kya. Bs u hi sada muskurate rahna.
ReplyDeleteRaj